शनिवार, 9 जनवरी 2010

आज यहाँ से ब्लॉग लिखना बंद हो रहा है .  कल घर  के लिए वापसी है. कल बोरिया बिस्तर बाँध कर निकलना है. अतः आज लेखन का समापन करना है.
७/१२ ०९ से आज तक कोई २१ ब्लॉग लिखे गए . कुछ को लिखने के बाद अच्छा लगा और कुछ को पढ़ने के बाद कई खामियां नज़र आयीं.
जैसा सोचा था, वैसी सादगी निभ गयी है, अब तक. व्यर्थ के विवादास्पद  विषयों से बचाया है अपने ब्लॉग को. घर बाहर के अलग अलग विषयों पर बातें कीं हैं.
यहाँ पर, जहाँ जहाँ भी घूमे फिरे ,वहां के सचित्र विवरण भी लिखे हैं. भाषा तथा शिल्प की त्रुटियाँ निश्चित रूप से होंगी ही . लिखने का अभ्यास नहीं रहा विगत कई वर्षों से . धीरे धीरे इनमें सुधार होगा ऐसी आशा है. उम्र की ...पचीसी के दशक में खूब पत्र लिखा करता था(हर तरह के लिफाफों में, कभी रंगीन तो, कभी सादे कागज़ पर).उस के बाद कभी कुछ लिखा भी तो उसे सहेजा नहीं.जाने भी दो.
आगे चल कर अन्य कई विषयों की बातें करनी हैं. संस्कृत के कई सुभाषित, हिन्दी,उर्दू,मराठी की कविताओं,उपन्यासों ,कहानियों पर लिखने का मन है .७ से १२ वर्ष के बच्चों के लिएभी  लिखना है.
रायपुर पहुँच कर कुछ शुरू करने से पहले ज़रा सोच विचार करना है. लिखना इस लिए है  कि लिखने में रस मिल रहा है और इसलिए भी कि एक व्यक्ति है जो मेरा हर ब्लॉग पढता है.पढ़कर अपनी राय/प्रशंसा/आलोचना भी देता है. वही एक सुधी पाठक मुझ से आगे भी लिखवाता रहेगा.आज इतना ही.

2 टिप्‍पणियां:

  1. आगे भी आपके लेखन की प्रतिक्षा रहेगी....

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  2. Wow ! This Subhashit wala idea is TOO Good. It attracts ... In the mean time can also visit a community in Orkut ... Can check in my communities and forums ..

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