गुरुवार, 31 दिसंबर 2009

01/01/2010

यहाँ सैन होजे अमेरिका में नया साल १२ घंटों बाद शुरू होगा. भारत में नया साल लगे डेढ़ घंटे बीत गए हैं. जश्न-ए-नव वर्ष कहीं शुरू होने वाले हैं तो कहीं पार्टियां ख़त्म होने को हैं.
कल से लोग नए साल के कैलेंडर, डायरियां खोजने/खरीदने/जुगाड़ने में भिड़ जायेंगे. सब के अपने अपने तरीके हैं. अधिकांश तो अपने परिचित दुकानदारों,जीवन बीमा निगम वालों के चक्कर लगा कर फ़ोकट में जुगाड़ने में पूरी जनवरी लगे रहेंगे. भगवानजी की फोटो वाला मिला तो उसके बदले अमिताभ बच्चन वाला तलाशेंगे. बचों  में से कुछ सीधे सीधे बुक स्टाल से बाबूलाल चतुर्वेदी या कालनिर्णय  खरीद कर ले जायेंगे और पूजा करते समय एकादशी/तीज्त्योहार देख सकें वैसी जगह टांग देंगे. कुछ अन्य इस शोध में रहेंगे कि किस दवा कंपनी या दारू कंपनी ने रंगीन बारह पेजी कैलेण्डर संगीन फोटुओं वाला छापा है और उन्हें कहाँ से और कैसे हथियाया जा सकता है..... कुछ सांस्कृतिक, सामाजिक किस्म के जीव हर अवसर (जैसे होली, दिवाली मिलन) पर कार्यक्रम  बनाते रहते हैं, उसी तर्ज पर नववर्ष मिलन, नववर्ष काव्य संध्या, आदि के लिए चन्दा जमा करने में लग जायेंगे और जनवरी में मोहल्ले/नगर/स्तर का कार्यक्रम करवा कर कृतकृत्य हो जायेंगे.

यहाँ यू.एस. में क्या होता है नहीं पता . बाज़ारों,दुकानों, घरों में तो रंग बिरंगी रोशनियाँ क्रिसमस से ही जगमगा रही हैं. लोग एक दूसरे को उपहार भी खूब दे रहे होते हैं. स्कूल, कॉलेज, दफ्तर वगैरह सभी एक लम्बी छुट्टी के बाद सोमवार से सामान्य रूप से काम करने लगेंगे.
नए साल के लिए कुछ अच्छे संकल्प किये जायेंगे. इन संकल्पों में से अधिकांश पहले ही मास में काल-कवलित हो जायेंगे.  कुछ कि उम्र कुछ दिनों के बजाय कुछ महीनों की भी हो सकती है. इक्का दुक्का ऐसे भी होंगे जो अगले साल का सूरज भी देखेंगे.
मगर मैं कायल हूँ उन लोगों कि दिलेरी का जो नववर्ष के अवसर पर कुछ नया कुछ अच्छा करने का सोचते हैं औ सिर्फ सोचते नहीं करते भी हैं. प्रभु उनके संकल्पों को बल दे, जो हम नहीं कर सके वे करें.
अबसे कुछ दिन, हम जिस किसी से भी मिलेंगे उसे नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देंगे. जब तक स्टॉक ख़त्म न हो जाय या लोग यह न कहने लगें कि यार परसों ही तुमने अपनी शुभकामनाएं दीं थीं और आज फिर आ गए. चलो एक चाय और पी लो.
बस आज इतना ही.

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